न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Updated Mon, 18 Jan 2021 06:53 PM IST
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हो रही है। पिछले 24 घंटे के भीतर 120 नए संक्रमित मिले हैं। वहीं छह मरीजों की मौत हुई है। प्रदेश में संक्रमित मरीजों की मौत की संख्या 1617 पहुंच गई है। कुल संक्रमितों का आंकड़ा 94923 हो गया है। जबकि 2136 सक्रिय मरीजों का उपचार चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, रविवार को 11730 सैंपलों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून में 36, चमोली में तीन, हरिद्वार में 23, नैनीताल में 38, अल्मोड़ा चार, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में एक-एक, ऊधमसिंहनगर 10 और उत्तरकाशी में चार नए मरीज आए हैं। वहीं, बागेश्वर, पौड़ी गढ़वाल, और टिहरी गढ़वाल और चंपावत में एक भी भी संक्रमित मरीज नहीं मिला।
यह भी पढ़ें: Corona Vaccination: सावधान! कोरोना वैक्सीन के पंजीकरण के लिए आया लिंक कहीं आपका बैंक खाता न कर दे खाली
वहीं, रविवार को 330 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। इन्हें मिला कर अब तक 89882 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। साथ ही रिकवरी दर 94.69% फीसदी है।
प्रदेश में जिन हेल्थ वर्करों ने कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक ले चुके हैं। वे भी कोरोना वायरस संक्रमण को हल्के में न लें। वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के 14 दिन बाद ही शरीर में एंटीबॉडी का सुरक्षा चक्र विकसित होगा। ऐसे में वैक्सीन लगवाने वालों को भी आम लोगों की तरह कोविड नियमों का पालन कर मास्क पहनना, हाथ धोना और दो गज की दूरी रखनी जरूरी होगी।
प्रदेश में कोविड टीकाकरण की शुरुआत के साथ कोरोना वायरस के खिलाफ निर्णायक जंग शुरू हो चुकी है। उत्तराखंड में पहले चरण में 50 हजार हेल्थ वर्करों को कोविशील्ड वैक्सीन की खुराक लगाई जाएगी, लेकिन जिन हेल्थ वर्करों को वैक्सीन की पहली खुराक दी गई है, उन्हें भी संक्रमण से बचाव के लिए पूरी तरह से सतर्क और नियमों का पालन करना होगा।
वैक्सीन की दूसरी खुराक 28 दिन के भीतर लगनी है। इसके 14 दिन बाद ही शरीर में एंटीबॉडी का सुरक्षा चक्र विकसित होगा। यानी पहली खुराक लगने के 42 दिन और दूसरी खुराक के 14 दिन बाद एंटीबॉडी बननी शुरू होगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. विकास शर्मा का कहनाहै कि कोविड वैक्सीन की दो खुराक लेनी अनिवार्य हैं। इसके बाद ही शरीर में 14 दिनों के बाद एंटीबॉडी विकसित होने लगी है। वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति को कोविड के नियमों का पालन करने होगा। इसमें मास्क पहनना, नियमित रूप से हाथ धोना और दो गज की दूरी जरूरी है।
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हो रही है। पिछले 24 घंटे के भीतर 120 नए संक्रमित मिले हैं। वहीं छह मरीजों की मौत हुई है। प्रदेश में संक्रमित मरीजों की मौत की संख्या 1617 पहुंच गई है। कुल संक्रमितों का आंकड़ा 94923 हो गया है। जबकि 2136 सक्रिय मरीजों का उपचार चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, रविवार को 11730 सैंपलों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून में 36, चमोली में तीन, हरिद्वार में 23, नैनीताल में 38, अल्मोड़ा चार, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में एक-एक, ऊधमसिंहनगर 10 और उत्तरकाशी में चार नए मरीज आए हैं। वहीं, बागेश्वर, पौड़ी गढ़वाल, और टिहरी गढ़वाल और चंपावत में एक भी भी संक्रमित मरीज नहीं मिला।
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वहीं, रविवार को 330 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। इन्हें मिला कर अब तक 89882 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। साथ ही रिकवरी दर 94.69% फीसदी है।
दूसरी खुराक लेने के 14 दिन बाद बनेगी एंटीबॉडी
प्रदेश में जिन हेल्थ वर्करों ने कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक ले चुके हैं। वे भी कोरोना वायरस संक्रमण को हल्के में न लें। वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के 14 दिन बाद ही शरीर में एंटीबॉडी का सुरक्षा चक्र विकसित होगा। ऐसे में वैक्सीन लगवाने वालों को भी आम लोगों की तरह कोविड नियमों का पालन कर मास्क पहनना, हाथ धोना और दो गज की दूरी रखनी जरूरी होगी।
प्रदेश में कोविड टीकाकरण की शुरुआत के साथ कोरोना वायरस के खिलाफ निर्णायक जंग शुरू हो चुकी है। उत्तराखंड में पहले चरण में 50 हजार हेल्थ वर्करों को कोविशील्ड वैक्सीन की खुराक लगाई जाएगी, लेकिन जिन हेल्थ वर्करों को वैक्सीन की पहली खुराक दी गई है, उन्हें भी संक्रमण से बचाव के लिए पूरी तरह से सतर्क और नियमों का पालन करना होगा।
वैक्सीन की दूसरी खुराक 28 दिन के भीतर लगनी है। इसके 14 दिन बाद ही शरीर में एंटीबॉडी का सुरक्षा चक्र विकसित होगा। यानी पहली खुराक लगने के 42 दिन और दूसरी खुराक के 14 दिन बाद एंटीबॉडी बननी शुरू होगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. विकास शर्मा का कहनाहै कि कोविड वैक्सीन की दो खुराक लेनी अनिवार्य हैं। इसके बाद ही शरीर में 14 दिनों के बाद एंटीबॉडी विकसित होने लगी है। वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति को कोविड के नियमों का पालन करने होगा। इसमें मास्क पहनना, नियमित रूप से हाथ धोना और दो गज की दूरी जरूरी है।