हल्द्वानी: 1971 की लड़ाई के 50 साल पूरे होने पर शहीदों को दी सलामी, सेना के काफिले के साथ निकली विजय मशाल यात्रा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हल्द्वानी
Updated Wed, 30 Dec 2020 10:55 PM IST
1971 के युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि देते अधिकारी
– फोटो : अमर उजाला
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सेना के स्टेशन कमांडर के नेतृत्व में सेना के अधिकारी विजय मशाल यात्रा छावनी के क्वार्टर गारद से लेकर नैनीताल रोड स्थित शहीद स्मारक तक लाए। यहां सम्मान के साथ विजय मशाल पोडियम में रखी गई। मुख्य अतिथि मंडलायुक्त अरविंद सिंह ह्यांकी, सेना के कमांडर, 1971 के युद्ध में शामिल अवकाश प्राप्त सैन्य अधिकारियों और अन्य सैन्य अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को याद किया।
जिला प्रशासन की ओर से एडीएम एसएस जंगपांगी, एसडीएम विवेक राय और एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव ने सलामी के बाद पुष्प चक्र अर्पित किए। इस मौके पर डेढ़ घंटे तक देश भक्ति के नारे और गीत गूंजते रहे। सेना की गारद ने विजय मशाल को बिगुल बजाकर सलामी दी। शहीद स्मारक पर नैनीताल जिले के उन शहीदों के नाम अंकित हैं, जिन्होंने 1971 में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
भारत माता की जय से गूंजा वातावरण
शहीद स्मारक पर कार्यक्रम के बाद विजय मशाल सेना की जिप्सी पर रखी गई, जो सबसे आगे चल रही थी। पीछे पीछे सेना और जिला प्रशासनिक अधिकारियों की गाड़ियां थीं। इस दौरान सेना के जवान भारत माता की जय, वंदेमातरम का नारा लगा रहे थे। काठगोदाम से सेना के अधिकारियों का काफिला स्टेशन तक लौटकर वापस आया। विजय मशाल को क्वार्टर गारद में सुरक्षित रखा गया।
गुरुवार को कालाढूंगी और रामनगर जाएंगे सेना के अधिकारी
सेना के अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को 1971 युद्ध के दौरान शहीदों के परिजनों से मुलाकात करेंगे। वीर नारियों को शॉल और प्रशस्तिपत्र देकर घर पर सम्मानित किया जाएगा। एक और दो जनवरी 2021 को सेना के अधिकारी लालकुआं और हल्द्वानी में शहीदों के घर जाकर परिजनों से मिलेंगे। तीन जनवरी को आर्मी कैंट में वॉर सेमिनार होगा। चार जनवरी को स्वर्णिम विजय की मशाल हल्द्वानी से पिथौरागढ के लिए रवाना होगी।
1971 युद्ध में शामिल जांबाज भी रहे मौजूद
शहीद स्मारक के कार्यक्रम में अवकाश प्राप्त वीर चक्र विजेता कर्नल मनोहर सिंह चौहान, कर्नल बीडी कांडपाल, कर्नल एचएस महर, कर्नल एसएस रावत, कर्नल मनोज शाह, कर्नल बीपी शाह, सूबेदार बच्ची सिंह भंडारी, सिपाही भोला दत्त उप्रेती आदि मौजूद रहे।