हरिद्वार: निरंजनी अखाड़े ने स्वामी प्रज्ञानानंद को आचार्य महामंडलेश्वर के पद से किया निष्कासित

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हरिद्वार
Updated Mon, 11 Jan 2021 05:17 PM IST
स्वामी प्रज्ञानानंद
– फोटो : अमर उजाला
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बता दें कि स्वामी प्रज्ञानानंद गिरि ने रविवार को प्रेसवार्ता कर दावा किया था कि वे ही निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर हैं। उन्होंने कहा कि कैलाशानंद गिरि के पट्टाभिषेक के खिलाफ वे न्यायालय में अपील करेंगे। कहा कि मुझे विरोध करने पर धमकियां मिल रही हैं। स्वामी प्रज्ञानंद गिरि का कहना था कि वे 14 जनवरी को पट्टाभिषेक कार्यक्रम में जाकर विरोध दर्ज कराएंगे।
स्वामी प्रज्ञानानंद गिरि ने कहा था कि मार्च 2019 में काशी में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज, सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरुषों व सनातन धर्म के विद्वानों की उपस्थिति में उनका श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के पद पर अभिषेक किया गया था। तभी से वे श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महांडलेश्वर हैं। उन्होंने अभी पद से त्यागपत्र भी नहीं दिया है।
वर्तमान में भी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर वे ही आसीन हैं। उनके पद पर रहते किसी अन्य को आचार्य महामंडलेश्वर नहीं बनाया जा सकता है। आचार्य महामंडलेश्वर बनने के बाद से ही वे लगातार धर्म प्रचार करते रहे हैं। स्वामी प्रज्ञानंद ने कहा कि उनके पद पर रहते किसी अन्य व्यक्ति को पीठ पर बैठाने का प्रयास करना अखाड़ों की परंपरा के विपरीत है। इससे एक गलत परंपरा कायम होगी। समस्त संत समाज और आचार्य परिषद को इसका संज्ञान लेकर हस्तक्षेप करना चाहिए।
वही, महंत नरेंद्र गिरि और निरंजनी अखाड़े के संतों ने 14 जनवरी को राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को स्वामी कैलाशानंद गिरि के पट्टाभिषेक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया है।