मैंने उत्तराखंड सरकार के कामों पर कभी सवाल खड़े नहीं किए: केंद्रीय मंत्री निशंक

रमेश पोखरियाल निशंक (फाइल फोटो)
– फोटो : पीटीआई
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
हरिद्वार में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति को लेकर उनकी सरकार से नाराजगी से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा, मैंने सरकार के कामों पर कभी भी सवाल खड़े नहीं किए। लेकिन हां, काम में तेजी होनी चाहिए। मैं जब किसी चीज की समीक्षा करता हूं तो लोग कहते हैं नाराजगी प्रकट की है।
अब मैं ऐसे स्थान पर हूं कि मुझे समीक्षा करनी ही पड़ेगी। मैं उन लोगों में से नहीं हूं कि यदि 99 प्रतिशत काम पूरा हो गया तो मैं कहूंगा पूरा नहीं हुआ, मुझे शत प्रतिशत ही चाहिए। कम का मतलब यह नहीं कि वह असफल है। मैंने विभागों को थोड़ा से कहा था, काम करो, ठीक करो और समय पर करो। जो टारगेट दिया है, उसे पूरा करो। यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है कि हम विभागों को जरा से सख्ती से कहें।
कुंभ अनुशासन के साथ अच्छा होगा
निशंक ने कहा कि हरिद्वार महाकुंभ अनुशासन के साथ अच्छा होगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे परिस्थिति के अनुरूप सहयोग करें ताकि उनकी सरकार अच्छे से कुंभ का आयोजन कर सके।निशंक ने कहा कि कुंभ लोगों के मिलन का दुनिया का सबसे आकर्षक गंतव्य है। कुंभ ऐसा पर्व सब सीमाओं को तोड़कर पूरी दुनिया को इकट्ठा कर देता है। 2010 के कुंभ में 100 से भी अधिक देशों का आना इस बात का प्रमाण है कि मां गंगा राष्ट्रीय जरूरत नहीं बल्कि विश्व धरोहर है। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि गंगा इस प्रदेश से अवतरित होकर विश्व के कल्याण के लिए आगे बढ़ रही है।
दिल्ली के स्कूलों को दिखाऊंगा तो पता चलेगा
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के राज्य के स्कूलों को लेकर आलोचना से जुड़े प्रश्न पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैं आपको दिल्ली के स्कूल दिखाऊंगा तब पता चलेगा। आपको उत्तर मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि सिसोदिया पार्टी के काम से उत्तराखंड आएं। अपना काम करें। मैं भी दूसरे राज्यों में जाता हूं। निशंक ने कहा कि भाजपा सबसे ताकतवर पार्टी है। भाजपा गांव-गांव के अंदर हर हृदय में कमल खिलाती है।
किसान हित में कृषि कानून
डॉ. निशंक ने कहा कि कृषि कानून किसानों के हित में है। मोदी सरकार ने पांच साल में आठ लाख करोड़ किसानों के लिए बजट की व्यवस्था की।