नैनीताल हाईकोर्ट ने केदार आपदा में बही समाधि को लेकर राज्य सरकार को दिए निर्देश, कहा – एक साल में करें पुनर्स्थापित

न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, नैनीताल
Updated Thu, 14 Jan 2021 11:12 PM IST
नैनीताल हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला (File Photo)
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पूर्व में हाईकोर्ट ने अपने आदेश में समाधि को एक वर्ष के भीतर पुनर्स्थापित करने को कहा था, लेकिन सरकार की ओर से इस पर गौर नहीं करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कोर्ट ने कहा था कि क्यों न आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। जिसके बाद सरकार ने शपथपत्र दायर कर कोर्ट से एक वर्ष का समय मांगा।
शपथपत्र में कहा गया कि समाधि को भव्य बनाने के लिए प्रधानमंत्री का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है और कोरोना काल होने के चलते यह प्रोजेक्ट समय पर नहीं बन पाया, इसलिए सरकार को एक वर्ष का समय दिया जाए। कोर्ट ने सरकार के इस मत से सहमत होकर एक वर्ष का समय दिया है।
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार दिल्ली निवासी अजय गौतम ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि में केदारनाथ आपदा के समय केदारनाथ मंदिर के समीप बनी आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि बह गई थी।
उसका पुनर्निर्माण जल्द से जल्द किया जाए। पूर्व में हाईकोर्ट ने 10 अक्तूबर 2018 को आदेश पारित कर एक वर्ष में समाधि को पुन: स्थापित करने के आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक सरकार ने इस पर कोई विचार तक नहीं किया। याचिकाकर्ता का कहना था कि आदिगुरु शंकराचार्य ने देवभूमि का पूरे विश्व में प्रचार किया, बावजूद इसके सरकार उनकी समाधि की स्थापना को लेकर मौन साधे हुए है जबकि केदारनाथ प्रधानमंत्री जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
आपदा आए सात वर्ष और हाईकोर्ट के आदेश को भी दो वर्ष बीत गए हैं। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वे समाधि को एक वर्ष के अंदर पुनर्स्थापित करें।