उत्तराखंड: चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर अंकुश लगाएगी एसटीएफ, एक महीने में दर्ज हुए 31 मुकदमे

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Updated Sun, 17 Jan 2021 12:23 PM IST
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गृह मंत्रालय का साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (सीसीआरपी) चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर नजर रखता है। बीते दिनों सीसीआरपी ने उत्तराखंड से संबंधित 315 मामले पुलिस को भेजे थे। ये सभी वीडियो, फोटोग्राफ आदि थे जो उत्तराखंड में देखे और शेयर किए जा रहे थे। इनमें कंटेंट भी उत्तराखंड का ही बताया गया था। मसलन, बच्चे या अन्य कोई सामग्री।
एसटीएफ के अनुसार इस रिपोर्ट के बाद एक टीम गठित कर जांच में लगाई गई है। बीते एक माह से भी कम समय में एसटीएफ की टीम ने 50 से अधिक मामलों में जांच पूरी की है। इनमें से 31 मामलों में मुकदमा दर्ज कराया गया था। अन्य मामले जो उत्तराखंड से संबंधित नहीं थे उनकी रिपोर्ट भी भेज दी गई है।
देखना और शेयर करना भी अपराध
यदि भूले से भी आप किसी ऐसी वेबसाइट या कंटेंट पर क्लिक करते हैं जिसमें बच्चों का शोषण आदि दिखाया जा रहा है तो सावधान हो जाएं। चाइल्ड पोर्नोग्राफी शेरयर करना ही नहीं बल्कि अपने मोबाइल या लैपटॉप पर देखना भी अपराध की श्रेणी में आता है।
क्या होती है चाइल्ड पोर्नोग्राफी
पोर्नोग्राफी के दायरे में ऐसे फोटो, वीडियो, लेख, ऑडियो व अन्य सामग्री आती है जिसकी प्रकृति यौन हो। यह नग्नता पर आधारित हो। ऐसी सामग्री को सोशल मीडिया पर वायरल करने या किसी को भेजने पर पोर्नोग्राफी निरोधक कानून लागू होता है। चाइल्ड पोर्नोग्राफी को देखना भी गैर कानूनी माना जाता है।
सीसीआरपी से उत्तराखंड को जो 315 मामले सौंपे गए थे, उनमें से 31 में मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन इन सभी मामलों में जांच कर रहा है। जल्द ही कुछ और मुकदमे भी दर्ज किए जा सकते हैं।
-अजय सिंह, एसएसपी, एसटीएफ