न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Updated Wed, 06 Jan 2021 09:20 PM IST
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत – फोटो : Bansidhar Bhagat / Facebook Page
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उत्तराखंड में भीमताल दौरे के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश की उम्र को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर चौतरफा घिरे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ उन्होंने दुर्भावना से टिप्पणी नहीं की थी। उनके शब्दों से अगर नेता प्रतिपक्ष को कष्ट पहुंचा है तो वह खेद प्रकट करते हैं और अपने शब्द वापस लेते हैं।
इधर, अमर उजाला से फोन पर बातचीत में बंशीधर भगत ने कहा कि एक शब्द हंसी मजाक में निकल गया था। इंदिरा हृदयेश से उनके पारिवारिक संबंध हैं। यह शब्द किसी दुराग्रह से प्रेरित होकर नहीं कहा था। इसका आशय नेता प्रतिपक्ष को आहत करना नहीं था। नेता प्रतिपक्ष के लिए उनके दिल में आदर का भाव है। भगत ने कहा कि वह और उनकी पार्टी महिलाओं के सम्मान के प्रति संकल्पित है।
इससे पहले सीएम ने इस मामले में देर रात ट्वीट कर इंदिरा हृदयेश से क्षमा मांगी थी। इसके बाद आज दिन में बंशीधर भगत ने ट्वीट कर क्षमा मांगी। उन्होंने लिखा कि ‘इंदिरा हृदयेश प्रदेश की सम्मानित नेता हैं और चुनावी क्षेत्र एक होने के कारण नोकझोंक होना स्वाभाविक है। उन्हें व्यक्तिगत क्षति पहुंचाने का मेरा कोई इरादा नहीं था, अगर उन्हें क्षति पहुंची है तो मैं अपना बयान सम्मान पूर्वक वापस लेता हूं’।
दरअसल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने मंगलवार को अपने भीमताल दौरे के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश की उम्र पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इंदिरा ने अपने एक बयान में कहा था कि कुछ भाजपा विधायक उनके संपर्क में हैं। इस पर भगत ने कहा कि भाजपा का कोई विधायक या मंत्री कांग्रेस के संपर्क में नहीं है।
उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा न हो कि नेता प्रतिपक्ष अपने बेटे के साथ भाजपा में शामिल हो जाएं लेकिन उनके (भगत के) रहते हुए वह भाजपा में शामिल नहीं हो पाएंगी। वायरल हुए एक वीडियो में भगत कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष की उम्र पर आपत्तिजनक टिप्पणी के साथ यह कहते सुनाई दे रहे थे कि वे वृद्ध हैं। डूबते जहाज के संपर्क में कौन आता है?
भगत के इस बयान के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रियाएं आने लग गईं। मामला मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के संज्ञान में आया तो उन्होंने ट्वीट के जरिए भगत के बयान से हुए नुकसान की भरपाई की कोशिश की। उन्होंने ट्वीट कर भगत के बयान पर दुख जताया और व्यक्तिगत रूप से क्षमा मांगी।
उत्तराखंड में भीमताल दौरे के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश की उम्र को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर चौतरफा घिरे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ उन्होंने दुर्भावना से टिप्पणी नहीं की थी। उनके शब्दों से अगर नेता प्रतिपक्ष को कष्ट पहुंचा है तो वह खेद प्रकट करते हैं और अपने शब्द वापस लेते हैं।
इधर, अमर उजाला से फोन पर बातचीत में बंशीधर भगत ने कहा कि एक शब्द हंसी मजाक में निकल गया था। इंदिरा हृदयेश से उनके पारिवारिक संबंध हैं। यह शब्द किसी दुराग्रह से प्रेरित होकर नहीं कहा था। इसका आशय नेता प्रतिपक्ष को आहत करना नहीं था। नेता प्रतिपक्ष के लिए उनके दिल में आदर का भाव है। भगत ने कहा कि वह और उनकी पार्टी महिलाओं के सम्मान के प्रति संकल्पित है।
इससे पहले सीएम ने इस मामले में देर रात ट्वीट कर इंदिरा हृदयेश से क्षमा मांगी थी। इसके बाद आज दिन में बंशीधर भगत ने ट्वीट कर क्षमा मांगी। उन्होंने लिखा कि ‘इंदिरा हृदयेश प्रदेश की सम्मानित नेता हैं और चुनावी क्षेत्र एक होने के कारण नोकझोंक होना स्वाभाविक है। उन्हें व्यक्तिगत क्षति पहुंचाने का मेरा कोई इरादा नहीं था, अगर उन्हें क्षति पहुंची है तो मैं अपना बयान सम्मान पूर्वक वापस लेता हूं’।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री,नेता प्रतिपक्ष @IndiraHridayesh जी प्रदेश की सम्मानित नेता हैं और चुनावी क्षेत्र एक होने के कारण नोकझोंक होना स्वाभाविक है।
उन्हें व्यक्तिगत क्षति पहुंचाने का मेरा कोई इरादा नहीं था,अगर उन्हें क्षति पहुँची है तो मैं अपना बयान सम्मान पूर्वक वापस लेता हूँ
दरअसल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने मंगलवार को अपने भीमताल दौरे के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश की उम्र पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इंदिरा ने अपने एक बयान में कहा था कि कुछ भाजपा विधायक उनके संपर्क में हैं। इस पर भगत ने कहा कि भाजपा का कोई विधायक या मंत्री कांग्रेस के संपर्क में नहीं है।
उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा न हो कि नेता प्रतिपक्ष अपने बेटे के साथ भाजपा में शामिल हो जाएं लेकिन उनके (भगत के) रहते हुए वह भाजपा में शामिल नहीं हो पाएंगी। वायरल हुए एक वीडियो में भगत कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष की उम्र पर आपत्तिजनक टिप्पणी के साथ यह कहते सुनाई दे रहे थे कि वे वृद्ध हैं। डूबते जहाज के संपर्क में कौन आता है?
भगत के इस बयान के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रियाएं आने लग गईं। मामला मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के संज्ञान में आया तो उन्होंने ट्वीट के जरिए भगत के बयान से हुए नुकसान की भरपाई की कोशिश की। उन्होंने ट्वीट कर भगत के बयान पर दुख जताया और व्यक्तिगत रूप से क्षमा मांगी।