न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Updated Mon, 18 Jan 2021 08:48 PM IST
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उत्तराखंड में एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को सरकारी स्कूलों में चल रही शिक्षकों की भर्ती में मौका नहीं मिलेगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने विभाग के अधिकारियों को इसके निर्देश दिए हैं। मंत्री ने कहा है कि इसके लिए हाल ही में जारी शासनादेश को संशोधित किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने सोमवार को सचिवालय में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक के बाद शिक्षा मंत्री ने कहा कि डायट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों) से सरकार जिन युवाओं को प्रशिक्षण करा रही है, उनकी नियुक्ति की जिम्मेदारी सरकार की है।
प्रदेश की डायटों से डीएलएड करने वालों को नियुक्ति दी जाएगी, जबकि एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं किया जाएगा। हालांकि, प्रदेश के अन्य राज्यों से डीएलएड करने वालों को भी इस शिक्षक भर्ती में शामिल किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री से मिला डायट डीएलएड संघ का प्रतिनिधिमंडल डायट डीएलएड संघ के अध्यक्ष पवन, सचिव श्वेेता राजपाल, हिमांशु जोशी, प्रकाश रानी और शुभम पंत ने सोमवार को सचिवालय में शिक्षा मंत्री से मिलकर एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को शिक्षक भर्ती में शामिल करने के शासनादेश को निरस्त करने की मांग की थी। जिस पर शिक्षा मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
एनआईओएस (राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान) से 18 महीने का डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन) कोर्स करने वालों को देेश भर में मान्य किया गया था। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इसे मान्यता देते हुए इस संबंध में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखा था।
दरअसल, उत्तराखंड के अभ्यर्थियों ने एनसीटीई से इस संबंध में गुहार लगाई थी। एनआईओएस से डीएलएड टीईटी करने वालों ने एनसीटीई से मांग की गई थी कि बिहार की तरह उन्हें भी अपने राज्य में होने वाली शिक्षक भर्ती में आवेदन का मौका दिया जाए।
एनसीटीई के इस संबंध में मुख्य सचिव को पत्र के बाद शासन की ओर से हाल ही में शासनादेश जारी करते हुए कहा गया था कि इस शिक्षक भर्ती में एनआईओएस से डीएलएड वालों को भी योग्य मानते हुए आवेदन का मौका दिया जाएगा।
सार
शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश, संशोधित होगा शासनादेश
विस्तार
उत्तराखंड में एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को सरकारी स्कूलों में चल रही शिक्षकों की भर्ती में मौका नहीं मिलेगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने विभाग के अधिकारियों को इसके निर्देश दिए हैं। मंत्री ने कहा है कि इसके लिए हाल ही में जारी शासनादेश को संशोधित किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने सोमवार को सचिवालय में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक के बाद शिक्षा मंत्री ने कहा कि डायट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों) से सरकार जिन युवाओं को प्रशिक्षण करा रही है, उनकी नियुक्ति की जिम्मेदारी सरकार की है।
प्रदेश की डायटों से डीएलएड करने वालों को नियुक्ति दी जाएगी, जबकि एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं किया जाएगा। हालांकि, प्रदेश के अन्य राज्यों से डीएलएड करने वालों को भी इस शिक्षक भर्ती में शामिल किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री से मिला डायट डीएलएड संघ का प्रतिनिधिमंडल
डायट डीएलएड संघ के अध्यक्ष पवन, सचिव श्वेेता राजपाल, हिमांशु जोशी, प्रकाश रानी और शुभम पंत ने सोमवार को सचिवालय में शिक्षा मंत्री से मिलकर एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को शिक्षक भर्ती में शामिल करने के शासनादेश को निरस्त करने की मांग की थी। जिस पर शिक्षा मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
एनआईओएस से डीएलएड को हाल ही में एनसीटीई ने दी थी मान्यता
एनआईओएस (राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान) से 18 महीने का डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन) कोर्स करने वालों को देेश भर में मान्य किया गया था। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इसे मान्यता देते हुए इस संबंध में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखा था।
दरअसल, उत्तराखंड के अभ्यर्थियों ने एनसीटीई से इस संबंध में गुहार लगाई थी। एनआईओएस से डीएलएड टीईटी करने वालों ने एनसीटीई से मांग की गई थी कि बिहार की तरह उन्हें भी अपने राज्य में होने वाली शिक्षक भर्ती में आवेदन का मौका दिया जाए।
एनसीटीई के इस संबंध में मुख्य सचिव को पत्र के बाद शासन की ओर से हाल ही में शासनादेश जारी करते हुए कहा गया था कि इस शिक्षक भर्ती में एनआईओएस से डीएलएड वालों को भी योग्य मानते हुए आवेदन का मौका दिया जाएगा।