prayagraj news : माघ मेले की तैयारी जोरशोर से चल रही है। – फोटो : prayagraj
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प्रशासन की असहमति के बावजूद डिप्टी सीएम के हस्तक्षेप पर माघ मेले में कल्पवासियों-संतों की सुविधा के लिए गंगा पर दो नए पांटून पुलों के निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है। इसी के साथ अब माघ मेले में प्रवेश के लिए सात पांटून पुल होंगे। कोविड-19 के प्रोटोकाल के बीच दो नए पांटून पुलों को स्वीकृति मिलने से माघ मेले का दायरा बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि मेला प्रशासन ने अभी तक क्षेत्रफल बढ़ाने की सहमति नहीं दी है, लेकिन डिप्टी सीएम के निर्देश पर नए पुलों के निर्माण के साथ ही अब अरैल में भी मेले का विस्तार होने लगा है। इसी के साथ नए पुलों के विस्तार वाले इलाकों में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए भी मंथन शुरू हो गया है।
शनिवार को पीडब्व्यूडी के अभियंताओं ने दो नए पुलों के एलाइनेंट के लिए सर्वे का काम पूरा कर लिया। कुंभ-2019 के दौरान अरैल में सोमेश्वर महादेव मंदिर से पहले जहां पांटून पुल बना था, वहीं इस बार भी बनाया जाएगा। यहां करीब दो सौ पीपे लगने का अनुमान है। इस लिहाज से अरैल में सबसे लंबे पांटून पुल का निर्माण होगा। पहले शासन स्तर पर अरैल में माघ मेला नहीं बसाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन, नए पुलों को मंजूरी मिलने के बाद मेले का विस्तार शुरू हो गया है।
अब अरैल में भी शिविर लगाए जा सकते हैं। इसके लिए सोमेश्वर से लेकर अरैल घाट तक समतलीकरण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। साथ ही घाटों का भी निर्माण आरंभ कर दिया गया है। इसी तरह फाफामऊ में भी दूसरा पुल उसी जगह पर बनाया जाएगा, जहां कुंभ के समय 22वां पुल बनाया गया था। इसके लिए भी एलाइनमेंट करा लिया गया है। अधीक्षण अभियंता एके द्विवेदी ने बताया कि डिप्टी सीएम के निर्देश पर विभागीय स्तर पर दो नए पुलों का निर्माण आरंभ कराया गया है। पीडब्ल्यूडी इन दोनों पुलों को मकर संक्रांति के प्रथम स्नान पर्व 14 जनवरी से पहले बनाकर मेला प्रशासन को हस्तंतरित कर देगा। दो नए पुलों केनिर्माण के साथ ही अब माघ मेले की कनेक्विटी भी बढ़ जाएगी।
अफसरों का कहना है कि अब उसी दृष्टि से चकर्ड प्लेट मार्गों का भी विस्तार करना होगा। अब तक 70 किमी लंबी चकर्ड प्लेट सड़कें बनाई गई हैं, लेकिन अब यह लंबाई बढ़कर सौ किमी तक होने की उम्मीद है। इसी तरह पेटल की लाइनों के विस्तार के साथ ही दोनों नए पुलों से जुड़े मेला क्षेत्र के लिंक मार्गों तक पथ प्रकाश की व्यवस्था के लिए तार-खंभों को भी बढ़ाना होगा।
पांच पांटून पुल बनकर तैयार
माघ मेले में पांच पांटून पुल बनकर तैयार हो गए हैं। इसी के साथ महावीर, त्रिवेणी, गंगोली शिवाला , ओल्डजीटी पर आवागमन भी शुरू हो गया है। रविवार को सभी पुलों को हस्तांतरित किए जाने की उम्मीद है। इसके साथ ही प्रमुख चकर्ड प्लेट मार्गों को भी तैयार कर लिया गया है।
प्रशासन की असहमति के बावजूद डिप्टी सीएम के हस्तक्षेप पर माघ मेले में कल्पवासियों-संतों की सुविधा के लिए गंगा पर दो नए पांटून पुलों के निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है। इसी के साथ अब माघ मेले में प्रवेश के लिए सात पांटून पुल होंगे। कोविड-19 के प्रोटोकाल के बीच दो नए पांटून पुलों को स्वीकृति मिलने से माघ मेले का दायरा बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि मेला प्रशासन ने अभी तक क्षेत्रफल बढ़ाने की सहमति नहीं दी है, लेकिन डिप्टी सीएम के निर्देश पर नए पुलों के निर्माण के साथ ही अब अरैल में भी मेले का विस्तार होने लगा है। इसी के साथ नए पुलों के विस्तार वाले इलाकों में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए भी मंथन शुरू हो गया है।
prayagraj news : माघ मेले की तैयारी जोरशोर से चल रही है। – फोटो : prayagraj
शनिवार को पीडब्व्यूडी के अभियंताओं ने दो नए पुलों के एलाइनेंट के लिए सर्वे का काम पूरा कर लिया। कुंभ-2019 के दौरान अरैल में सोमेश्वर महादेव मंदिर से पहले जहां पांटून पुल बना था, वहीं इस बार भी बनाया जाएगा। यहां करीब दो सौ पीपे लगने का अनुमान है। इस लिहाज से अरैल में सबसे लंबे पांटून पुल का निर्माण होगा। पहले शासन स्तर पर अरैल में माघ मेला नहीं बसाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन, नए पुलों को मंजूरी मिलने के बाद मेले का विस्तार शुरू हो गया है।
prayagraj news : माघ मेले की तैयारियों की समीक्षा करते डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य। (फाइल फोटो) – फोटो : prayagraj
अब अरैल में भी शिविर लगाए जा सकते हैं। इसके लिए सोमेश्वर से लेकर अरैल घाट तक समतलीकरण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। साथ ही घाटों का भी निर्माण आरंभ कर दिया गया है। इसी तरह फाफामऊ में भी दूसरा पुल उसी जगह पर बनाया जाएगा, जहां कुंभ के समय 22वां पुल बनाया गया था। इसके लिए भी एलाइनमेंट करा लिया गया है। अधीक्षण अभियंता एके द्विवेदी ने बताया कि डिप्टी सीएम के निर्देश पर विभागीय स्तर पर दो नए पुलों का निर्माण आरंभ कराया गया है। पीडब्ल्यूडी इन दोनों पुलों को मकर संक्रांति के प्रथम स्नान पर्व 14 जनवरी से पहले बनाकर मेला प्रशासन को हस्तंतरित कर देगा। दो नए पुलों केनिर्माण के साथ ही अब माघ मेले की कनेक्विटी भी बढ़ जाएगी।
अफसरों का कहना है कि अब उसी दृष्टि से चकर्ड प्लेट मार्गों का भी विस्तार करना होगा। अब तक 70 किमी लंबी चकर्ड प्लेट सड़कें बनाई गई हैं, लेकिन अब यह लंबाई बढ़कर सौ किमी तक होने की उम्मीद है। इसी तरह पेटल की लाइनों के विस्तार के साथ ही दोनों नए पुलों से जुड़े मेला क्षेत्र के लिंक मार्गों तक पथ प्रकाश की व्यवस्था के लिए तार-खंभों को भी बढ़ाना होगा।
पांच पांटून पुल बनकर तैयार
माघ मेले में पांच पांटून पुल बनकर तैयार हो गए हैं। इसी के साथ महावीर, त्रिवेणी, गंगोली शिवाला , ओल्डजीटी पर आवागमन भी शुरू हो गया है। रविवार को सभी पुलों को हस्तांतरित किए जाने की उम्मीद है। इसके साथ ही प्रमुख चकर्ड प्लेट मार्गों को भी तैयार कर लिया गया है।