संवाद न्यूज एजेंसी, हलवारा/लुधियाना (पंजाब)
Updated Fri, 01 Jan 2021 03:41 PM IST
आरोपी रामपाल और उसका परिवार। – फोटो : फाइल फोटो
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लुधियाना के हलवारा एयरफोर्स स्टेशन जासूसी मामले में पुलिस ने पंजाब के गांव टूसे निवासी डीजल मैकेनिक रामपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में सामने आया कि रामपाल एयरफोर्स की खुफिया जानकारी पाकिस्तान में बैठे आईएसआई एजेंट अदनान को मुहैया करवा रहा था। उसके पिता भी हलवारा एयरफोर्स स्टेशन पर एमईएस ब्रांच में तैनात थे, अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वहीं उनका परिवार इन सभी आरोपों को गलत बता रहा है। परिवार का कहना है अगर पाकिस्तान से फंडिंग होती तो परिवार मुफलिसी में न रहता।
गांव टूसे में अपने घर में बैठे रामपाल सिंह के पिता दूल्ला सिंह ने बताया कि उनका बेटा 2009 में सऊदी अरब गया था। वहां से 2012 में लौटा और फिर कुवैत चला गया था। वहां से 2015 में लौटा। पांच साल से वह इधर-उधर काम कर गुजारा चला रहा था। जनवरी 2020 में ठेकेदार की मदद से उसे हलवारा एयरफोर्स स्टेशन में डीजल मैकेनिक का काम मिल गया था। मार्च में लॉकडाउन के दौरान उसकी नौकरी चली गई। उसके बाद वह इधर-उधर काम कर गुजारा कर रहा था।
आरोपी सुक्खा बाबा उनके गांव के दूसरे छोर पर रहता है। उन्होंने कभी दोनों को साथ नहीं देखा। दूल्ला सिंह के मुताबिक, उनका बेटा गांव के नाई के पास जाता था। उसकी दुकान सुक्खा बाबा के घर के पास है। तब शायद उनकी कोई बातचीत हुई हो।
उन्होंने बताया कि 26 दिसंबर की रात को उनके बेटे को पुलिस उठाकर ले गई। उसका मोबाइल चेक किया गया। उनका बेटा अरब देशों में रहा है। उसके कई दोस्त पाकिस्तान समेत अन्य देशों के हैं लेकिन उसका संबंध आईएसआई के साथ नहीं हो सकता है।
रामपाल सिंह की पत्नी हरजीत कौर ने बताया कि उसका पति मजदूरी करता था। अगर उसके संबंध पाकिस्तान से होते और उसे फंड मिलता होता तो उनकी हालत ऐसी क्यों है। उनके दो बच्चे इस समय हलवारा पब्लिक स्कूल में पढ़ रहे हैं। एक साल से उनकी फीस नहीं दे पाए हैं। गांव की पंच कमलजीत कौर ने भी यही दावा किया कि रामपाल सिंह ऐसा काम नहीं कर सकता है। पूरा गांव मिलकर उसके खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करवाने के लिए हाईकोर्ट तक जाएगा। वह उसकी जमानत नहीं करवाएंगे।
लुधियाना के हलवारा एयरफोर्स स्टेशन जासूसी मामले में पुलिस ने पंजाब के गांव टूसे निवासी डीजल मैकेनिक रामपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में सामने आया कि रामपाल एयरफोर्स की खुफिया जानकारी पाकिस्तान में बैठे आईएसआई एजेंट अदनान को मुहैया करवा रहा था। उसके पिता भी हलवारा एयरफोर्स स्टेशन पर एमईएस ब्रांच में तैनात थे, अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वहीं उनका परिवार इन सभी आरोपों को गलत बता रहा है। परिवार का कहना है अगर पाकिस्तान से फंडिंग होती तो परिवार मुफलिसी में न रहता।
गांव टूसे में अपने घर में बैठे रामपाल सिंह के पिता दूल्ला सिंह ने बताया कि उनका बेटा 2009 में सऊदी अरब गया था। वहां से 2012 में लौटा और फिर कुवैत चला गया था। वहां से 2015 में लौटा। पांच साल से वह इधर-उधर काम कर गुजारा चला रहा था। जनवरी 2020 में ठेकेदार की मदद से उसे हलवारा एयरफोर्स स्टेशन में डीजल मैकेनिक का काम मिल गया था। मार्च में लॉकडाउन के दौरान उसकी नौकरी चली गई। उसके बाद वह इधर-उधर काम कर गुजारा कर रहा था।
आरोपी सुक्खा बाबा उनके गांव के दूसरे छोर पर रहता है। उन्होंने कभी दोनों को साथ नहीं देखा। दूल्ला सिंह के मुताबिक, उनका बेटा गांव के नाई के पास जाता था। उसकी दुकान सुक्खा बाबा के घर के पास है। तब शायद उनकी कोई बातचीत हुई हो।
उन्होंने बताया कि 26 दिसंबर की रात को उनके बेटे को पुलिस उठाकर ले गई। उसका मोबाइल चेक किया गया। उनका बेटा अरब देशों में रहा है। उसके कई दोस्त पाकिस्तान समेत अन्य देशों के हैं लेकिन उसका संबंध आईएसआई के साथ नहीं हो सकता है।
रामपाल सिंह की पत्नी हरजीत कौर ने बताया कि उसका पति मजदूरी करता था। अगर उसके संबंध पाकिस्तान से होते और उसे फंड मिलता होता तो उनकी हालत ऐसी क्यों है। उनके दो बच्चे इस समय हलवारा पब्लिक स्कूल में पढ़ रहे हैं। एक साल से उनकी फीस नहीं दे पाए हैं। गांव की पंच कमलजीत कौर ने भी यही दावा किया कि रामपाल सिंह ऐसा काम नहीं कर सकता है। पूरा गांव मिलकर उसके खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करवाने के लिए हाईकोर्ट तक जाएगा। वह उसकी जमानत नहीं करवाएंगे।