पंजाब के संगरूर में सियासी दौरे पर पहुंचे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी शर्मा का विरोध करना किसानों को महंगा पड़ गया। 32 किसान संगठनों के आह्वान पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान कई किसान घायल हो गए। एक किसान को गंभीर चोटें आई हैं, जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
किसान किरती यूनियन के जिला यूथ कन्वीनर जसदीप सिंह ने बताया कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के दौरे के दौरान विरोध करने पहुंचे किसानों पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजीं। इस लाठीचार्ज में गांव बहादुरपुर निवासी गुरप्रीत सिंह सहित कई किसान घायल हो गए हैं। गुरप्रीत को गंभीर चोटें आई हैं। उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ पंजाब सरकार किसान हितैषी होने का ढिंढोरा पीट रही है, दूसरी तरफ किसानों पर लाठीचार्ज हो रहा है। पंजाब सरकार का किसान विरोधी असली चेहरा सामने आ गया है। किसान संगठन पंजाब सरकार की दोगली नीति को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसानों पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में कई संगठन उतर आए हैं। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब के प्रदेशाध्यक्ष रघुवीर सिंह भवानीगढ़, जमीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी के नेता निर्भय सिंह ने पंजाब सरकार की कड़ी आलोचना की है।
मोगा में घर के बाहर किसानों के धरना देने के बावजूद इस्तीफा न देने पर रविवार को जिला प्रधान विनय शर्मा की हौसला आफजाई करने पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा और राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक की मौजूदगी में एक कार्यकर्ता ने डीएसपी पर धक्का मारने का आरोप लगा दिया। इससे भड़के भाजपाइयों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रोष मार्च निकाला। अपनी गाड़ी से उतरकर अश्वनी शर्मा और श्वेत मलिक ने भी मोदी जिंदाबाद के नारे लगाए। वहीं किसानों ने भी काले झंडों के साथ भाजपा नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की।
विनय शर्मा के घर पर बंद कमरे में बैठक करने के बाद अश्वनी शर्मा ने अपनी टीम के साथ एक निजी अस्पताल में प्रेसवार्ता की। उन्होंने एक भी बार शिअद का जिक्र तक नही किया और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधते रहे। 1984 के दंगों से लेकर कृषि कानूनों के विरोध के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।
शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र के कायदे कानून पंजाब पुलिस पूरी तरह से भूल चुकी है। लोकतांत्रिक अधिकार के तहत किसी के घर के सामने धरना नहीं लगाया जा सकता, बल्कि घर से पांच सौ मीटर की दूरी पर ही विरोध जाहिर किया जा सकता है। शर्मा ने कहा कि उनके अलावा पंजाब भर के भाजपा नेताओं के घर के मुख्य द्वार पर ही किसान जत्थेबंदियां धरना दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता यदि कांग्रेस नेताओं के घर के बाहर धरना लगाना चाहे तो डीजीपी इसकी कतई इजाजत नही देंगे। मोगा जिला प्रधान विनय शर्मा की हौसला आफजाई करते हुए शर्मा ने कहा कि किसानों की ओर से आक्रोश में आकर भाजपा नेताओ के घर के सामने उनके प्रति भद्दी शब्दावली का प्रयोग किया जा रहा है। यही नहीं कई बार तो किसान भाजपा नेताओं के परिवार के प्रति भी गलत शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने पुलिस से लोकतंत्र के कायदे कानून लागू करवाने की अपील की।
माहौल खराब करना चाहती है भाजपा : भाकियू
भारतीय किसान एकता उगराहां के जिला प्रधान बलौर सिंह का कहना है कि भाजपा पंजाब में माहौल खराब करना चाहती है, इसीलिए आंदोलन के बीच जानबूझ कर भाजपा नेता अलग-अलग शहरों में जाकर बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने कहा इसका एक कारण यह भी है कि भाजपा नेता मीडिया में सुर्खियां हासिल करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। किसान शांतिमय ढंग से ही संघर्ष जारी रखेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर का मानसा के छह गांवों में विरोध
कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष के दौरान शहीद हुए किसानों के घर दुख बांटने जा पहुंचीं पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद हरसिमरत कौर बादल का मानसा जिले के विधासभा क्षेत्र बुढलाडा के छह गांवों में जबरदस्त विरोध हुआ, जबकि एक गांव दोदड़ा में जाने में वह सफल रहीं। किसान संगठनों ने शिअद सांसद को इन गांवों में नहीं घुसने दिया और काले झंडे दिखाकर विरोध जताया।
रविवार दोपहर लगभग डेढ़ बजे पूर्व केंद्रीय मंत्री गांव गुड़दी में पहुंचीं तो किसान संगठनों ने उनके काफिले का विरोध शुरू कर दिया। विरोध के बाद उन्हें अपना रास्ता बदलकर वापस जाना पड़ा। शिअद सांसद का गुड़दी, भादड़ा, दोदड़ा, बछोआना, धर्मपुरा, बरेह व बोहा सहित अन्य इलाकों में जाने का कार्यक्रम था। इन गांवों में किसान काले झंडे लेकर सुबह से ही उनका विरोध जताने के लिए खड़े थे।
मुक्तसर : अर्धनग्न होकर युवाओं ने जताया विरोध
कृषि कानूनों के विरोध में लंबी हलके के विभिन्न गांवों में किसानों, मजदूरों, मुलाजिमों ने रोष मार्च निकालते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान युवा भी अर्धनग्न हालत में प्रदर्शन में शामिल हुए और केंद्र सरकार के खिलाफ रोष जताया। लंबी हलके के गांव बादल, गग्गड़, ख्योंवाली, खुड्डियां व किल्लियांवाली सहित अन्य स्थानों पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए गए।
गांव बादल में बस स्टैंड से मार्च शुरू हुआ, जो गांव की गलियों से होता हुआ गुरुद्वारा साहिब के पास पहुंचकर संपन्न हुआ। इस दौरान वक्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन में भाकियू एकता उगराहां के हरपाल सिंह, पंजाब खेत मजदूर यूनियन ब्लॉक लंबी के अध्यक्ष काला सिंह सिंघेवाला, टीएसयू नेता सतपाल बादल, युवा नेता जगदीप सिंह खुड्डियां सहित अन्य ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया।
पंजाब के संगरूर में सियासी दौरे पर पहुंचे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी शर्मा का विरोध करना किसानों को महंगा पड़ गया। 32 किसान संगठनों के आह्वान पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान कई किसान घायल हो गए। एक किसान को गंभीर चोटें आई हैं, जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
किसान किरती यूनियन के जिला यूथ कन्वीनर जसदीप सिंह ने बताया कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के दौरे के दौरान विरोध करने पहुंचे किसानों पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजीं। इस लाठीचार्ज में गांव बहादुरपुर निवासी गुरप्रीत सिंह सहित कई किसान घायल हो गए हैं। गुरप्रीत को गंभीर चोटें आई हैं। उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ पंजाब सरकार किसान हितैषी होने का ढिंढोरा पीट रही है, दूसरी तरफ किसानों पर लाठीचार्ज हो रहा है। पंजाब सरकार का किसान विरोधी असली चेहरा सामने आ गया है। किसान संगठन पंजाब सरकार की दोगली नीति को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसानों पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में कई संगठन उतर आए हैं। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब के प्रदेशाध्यक्ष रघुवीर सिंह भवानीगढ़, जमीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी के नेता निर्भय सिंह ने पंजाब सरकार की कड़ी आलोचना की है।
मोगा : डीएसपी पर धक्का मारने का आरोप लगा भाजपाइयों ने निकाला रोष मार्च
मोगा में घर के बाहर किसानों के धरना देने के बावजूद इस्तीफा न देने पर रविवार को जिला प्रधान विनय शर्मा की हौसला आफजाई करने पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा और राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक की मौजूदगी में एक कार्यकर्ता ने डीएसपी पर धक्का मारने का आरोप लगा दिया। इससे भड़के भाजपाइयों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रोष मार्च निकाला। अपनी गाड़ी से उतरकर अश्वनी शर्मा और श्वेत मलिक ने भी मोदी जिंदाबाद के नारे लगाए। वहीं किसानों ने भी काले झंडों के साथ भाजपा नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की।
विनय शर्मा के घर पर बंद कमरे में बैठक करने के बाद अश्वनी शर्मा ने अपनी टीम के साथ एक निजी अस्पताल में प्रेसवार्ता की। उन्होंने एक भी बार शिअद का जिक्र तक नही किया और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधते रहे। 1984 के दंगों से लेकर कृषि कानूनों के विरोध के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।
शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र के कायदे कानून पंजाब पुलिस पूरी तरह से भूल चुकी है। लोकतांत्रिक अधिकार के तहत किसी के घर के सामने धरना नहीं लगाया जा सकता, बल्कि घर से पांच सौ मीटर की दूरी पर ही विरोध जाहिर किया जा सकता है। शर्मा ने कहा कि उनके अलावा पंजाब भर के भाजपा नेताओं के घर के मुख्य द्वार पर ही किसान जत्थेबंदियां धरना दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता यदि कांग्रेस नेताओं के घर के बाहर धरना लगाना चाहे तो डीजीपी इसकी कतई इजाजत नही देंगे। मोगा जिला प्रधान विनय शर्मा की हौसला आफजाई करते हुए शर्मा ने कहा कि किसानों की ओर से आक्रोश में आकर भाजपा नेताओ के घर के सामने उनके प्रति भद्दी शब्दावली का प्रयोग किया जा रहा है। यही नहीं कई बार तो किसान भाजपा नेताओं के परिवार के प्रति भी गलत शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने पुलिस से लोकतंत्र के कायदे कानून लागू करवाने की अपील की।
माहौल खराब करना चाहती है भाजपा : भाकियू
भारतीय किसान एकता उगराहां के जिला प्रधान बलौर सिंह का कहना है कि भाजपा पंजाब में माहौल खराब करना चाहती है, इसीलिए आंदोलन के बीच जानबूझ कर भाजपा नेता अलग-अलग शहरों में जाकर बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने कहा इसका एक कारण यह भी है कि भाजपा नेता मीडिया में सुर्खियां हासिल करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। किसान शांतिमय ढंग से ही संघर्ष जारी रखेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर का मानसा के छह गांवों में विरोध
कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष के दौरान शहीद हुए किसानों के घर दुख बांटने जा पहुंचीं पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद हरसिमरत कौर बादल का मानसा जिले के विधासभा क्षेत्र बुढलाडा के छह गांवों में जबरदस्त विरोध हुआ, जबकि एक गांव दोदड़ा में जाने में वह सफल रहीं। किसान संगठनों ने शिअद सांसद को इन गांवों में नहीं घुसने दिया और काले झंडे दिखाकर विरोध जताया।
रविवार दोपहर लगभग डेढ़ बजे पूर्व केंद्रीय मंत्री गांव गुड़दी में पहुंचीं तो किसान संगठनों ने उनके काफिले का विरोध शुरू कर दिया। विरोध के बाद उन्हें अपना रास्ता बदलकर वापस जाना पड़ा। शिअद सांसद का गुड़दी, भादड़ा, दोदड़ा, बछोआना, धर्मपुरा, बरेह व बोहा सहित अन्य इलाकों में जाने का कार्यक्रम था। इन गांवों में किसान काले झंडे लेकर सुबह से ही उनका विरोध जताने के लिए खड़े थे।
मुक्तसर : अर्धनग्न होकर युवाओं ने जताया विरोध
कृषि कानूनों के विरोध में लंबी हलके के विभिन्न गांवों में किसानों, मजदूरों, मुलाजिमों ने रोष मार्च निकालते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान युवा भी अर्धनग्न हालत में प्रदर्शन में शामिल हुए और केंद्र सरकार के खिलाफ रोष जताया। लंबी हलके के गांव बादल, गग्गड़, ख्योंवाली, खुड्डियां व किल्लियांवाली सहित अन्य स्थानों पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए गए।
गांव बादल में बस स्टैंड से मार्च शुरू हुआ, जो गांव की गलियों से होता हुआ गुरुद्वारा साहिब के पास पहुंचकर संपन्न हुआ। इस दौरान वक्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन में भाकियू एकता उगराहां के हरपाल सिंह, पंजाब खेत मजदूर यूनियन ब्लॉक लंबी के अध्यक्ष काला सिंह सिंघेवाला, टीएसयू नेता सतपाल बादल, युवा नेता जगदीप सिंह खुड्डियां सहित अन्य ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया।