पंजाब : माता तृप्ता महिला योजना को मिली मंजूरी, कैबिनेट ने लगाई राज्य डाटा नीति पर मोहर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Updated Thu, 31 Dec 2020 12:25 AM IST
पंजाब कैबिनेट (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
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अनुमान लगाया गया है कि सभी योग्य लाभपात्रियों को कवर करने के लिए प्रचार और प्रसार प्रोग्रामों के लिए साल 2021-22 से आईईसी के लिए पांच करोड़ रुपये समेत सालाना 177.1 करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था की जरूरत होगी। इस योजना के अंतर्गत परिवार की प्रमुख एक विधवा/अकेली रह रही महिला/परिवार से अलग रह रही महिला/तलाकशुदा औरत/अविवाहित महिला होनी चाहिए और वह परिवार में कमाने वाली अकेली सदस्य होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह स्कीम उन पहलुओं और जरूरतों को कवर करने के लिए नए प्रोग्राम भी शुरू करेगी, जिनको अब तक किसी भी मौजूदा केंद्रीय/राज्य स्पांसर स्कीम या महिलाओं/लड़कियों पर केंद्रित योजना के अंतर्गत उचित ढंग से कवर नहीं किया गया है। जनगणना 2011 के अनुसार, राज्य की कुल आबादी का 47.23 प्रतिशत महिलाएं हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह प्रतिशत 48.5 है। पंजाब की कुल आबादी 2.7 करोड़ है, जिसमें से पुरुषों की संख्या 1.4 करोड़ और महिलाओं की संख्या 1.3 करोड़ है।
पंजाब स्टेट डाटा पॉलिसी को मंजूरी
पंजाब मंत्रिमंडल ने बुधवार को पंजाब राज्य डाटा नीति (पीएसडीपी) को मंजूरी दी, जिससे प्रगति को सही ढंग से दर्ज करने के साथ-साथ सेवाओं की अधिक से अधिक नागरिकों तक पहुंच यकीनी बनाई जा सकेगी। मंत्रिमंडल ने राज्य के लिए एकीकृत और अंतर-संचालित डाटा ढांचा बनाने के लिए पीएसडीपी को सूचित करने की भी मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब ऐसी व्यापक डाटा नीति बनाने वाले देश के प्रमुख राज्यों में शुमार हो गया है।
पटियाला (ग्रामीण) नया ब्लॉक बनाने को मंजूरी
पंजाब मंत्रिमंडल ने नया ब्लॉक पटियाला (ग्रामीण) बनाने को मंजूरी दी है। इसके तहत आने वाले गांवों के सर्वपक्षीय विकास को यकीनी बनाने के लिए इस नए ब्लॉक में पटियाला और नाभा ब्लॉक की क्रमवार 26 और 32 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है।
पंजाब गवर्नमेंट इंप्लाइज (कंडक्ट) रूल 1966 में संशोधन को मंजूरी
सरकारी मुलाजिमों की तरफ से उच्च नैतिक नियमों, अखंडता, ईमानदारी और कामकाजी महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न रोकने के उद्देश्य से मंत्रिमंडल ने पंजाब राज्य कर्मचारी (आचार) नियम, 1966 के नियम 2, 3 और 22 में संशोधन करने को मंजूरी दी है। यह संशोधन अखिल भारतीय सेवा (आचार) नियम, 1968 और केंद्रीय सिविल सेवाओं (आचार) नियम, 1964 के आधार पर किया गया है।