संवाद न्यूज एजेंसी, अमृतसर (पंजाब)
Updated Sun, 03 Jan 2021 07:05 PM IST
नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो) – फोटो : फाइल फोटो
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पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक नवजोत सिद्धू ने एक ट्वीट में दावा किया है कि पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक है लेकिन दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की हो रही मौत के संबंध में केंद्र सरकार को चिंता करनी चाहिए। केंद्र सरकार पंजाबियों को बदनाम कर रही है। किसानों की लोकतांत्रिक आवाज को देशद्रोही बताया जा रहा है।
कारपोरेट घरानों के हितों की रक्षा के लिए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की तैयारी हो रही है। बता दें कि पंजाब में किसान आंदोलन के मद्देनजर कुछ समय से भाजपा नेताओं का घेराव किया जा रहा है। कई शहरों में भाजपाइयों से बढ़ रही झड़प की घटनाओं के बाद पंजाब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से मिला था। इस दौरान भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि पंजाब में लगातार कानून व्यवस्था बिगड़ रही है।
भाजपाइयों ने किसान संघर्ष के नाम पर जियो मोबाइल के टावरों को नुकसान पहुंचाने की भी राज्यपाल से शिकायत की थी। शिकायत के बाद राज्यपाल ने प्रदेश के डीजीपी दिनकर गुप्ता व मुख्य सचिव विनी महाजन को तलब किया था। गवर्नर के इस आदेश पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कड़ी आपत्ति जताई है। इन सियासी घटनाओं के बाद नवजोत सिद्धू को इस बात का भय सताने लगा है कि किसान आंदोलन के दौरान भाजपा के खिलाफ बढ़ रही गतिविधियों की आड़ में केंद्र सरकार प्रदेश में राष्ट्रपति शासन न लगा दे।
कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक संदर्भ में बयान दिया था कि वह जेब में अपना इस्तीफा रखते हैं। इसके बाद सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान की आलोचना करते हुए कहा था कि इससे केंद्र सरकार को प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने का बहाना मिल जाएगा।
पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक नवजोत सिद्धू ने एक ट्वीट में दावा किया है कि पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक है लेकिन दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की हो रही मौत के संबंध में केंद्र सरकार को चिंता करनी चाहिए। केंद्र सरकार पंजाबियों को बदनाम कर रही है। किसानों की लोकतांत्रिक आवाज को देशद्रोही बताया जा रहा है।
कारपोरेट घरानों के हितों की रक्षा के लिए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की तैयारी हो रही है। बता दें कि पंजाब में किसान आंदोलन के मद्देनजर कुछ समय से भाजपा नेताओं का घेराव किया जा रहा है। कई शहरों में भाजपाइयों से बढ़ रही झड़प की घटनाओं के बाद पंजाब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से मिला था। इस दौरान भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि पंजाब में लगातार कानून व्यवस्था बिगड़ रही है।
भाजपाइयों ने किसान संघर्ष के नाम पर जियो मोबाइल के टावरों को नुकसान पहुंचाने की भी राज्यपाल से शिकायत की थी। शिकायत के बाद राज्यपाल ने प्रदेश के डीजीपी दिनकर गुप्ता व मुख्य सचिव विनी महाजन को तलब किया था। गवर्नर के इस आदेश पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कड़ी आपत्ति जताई है। इन सियासी घटनाओं के बाद नवजोत सिद्धू को इस बात का भय सताने लगा है कि किसान आंदोलन के दौरान भाजपा के खिलाफ बढ़ रही गतिविधियों की आड़ में केंद्र सरकार प्रदेश में राष्ट्रपति शासन न लगा दे।
कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक संदर्भ में बयान दिया था कि वह जेब में अपना इस्तीफा रखते हैं। इसके बाद सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान की आलोचना करते हुए कहा था कि इससे केंद्र सरकार को प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने का बहाना मिल जाएगा।