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मध्यप्रदेश में रविवार को राजधानी भोपाल सहित कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ बरसात हो सकती है। खासकर ग्वालियर, चंबल, सागर, उज्जैन संभाग के जिलों में मौसम बदलने की संभावना है। मौसम विभाग ने इसको लेकर पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है।
इन जिलों में हो सकती है बारिश मौसम विभाग की मानें तो चंबल संभाग के जिलों के साथ ग्वालियर, राजगढ़, आगर, नीमच और मंदसौर में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।
पिछले 24 घंटों का हाल मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान मौसम शुष्क रहा। सबसे कम न्यूनतम तापमान मंडला में सात डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
फिलहाल हवाओं का रुख बदलने से दिन का तापमान बढ़ने लगा है। इससे धूप में भी तल्खी बढ़ गई है। न्यूनतम तापमान में भी अपेक्षाकृत गिरावट नहीं हो रही है, लेकिन मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अफगानिस्तान के पास शक्तिशाली पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। इस वजह से अरब सागर से लेकर राजस्थान तक एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बना हुआ है। लिहाजा मौसम का मिजाज बिगड़ने वाला है।
पहाड़ी क्षेत्रों में हो सकती है बर्फबारी मैदानी इलाकों में सर्दी का कहर है तो पहाड़ों पर सफेद बर्फ की चादर बिछी हुई है। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सब तरफ बर्फ की चादर ढकी है। भारी बर्फबारी की वजह से जन जीवन प्रभावित है। हालांकि, पर्यटक इस बर्फबारी का जमकर मजा ले रहे हैं। अफगानिस्तान में बने सिस्टम के चार जनवरी तक उत्तर भारत में दाखिल होने की संभावना है, इससे उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में एक बार फिर बर्फबारी शुरू होने का अनुमान है। इस सिस्टम के आगे बढ़ने पर सात जनवरी के आसपास एक बार फिर ठंड का दौर लौटने की संभावना है।
मध्यप्रदेश में रविवार को राजधानी भोपाल सहित कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ बरसात हो सकती है। खासकर ग्वालियर, चंबल, सागर, उज्जैन संभाग के जिलों में मौसम बदलने की संभावना है। मौसम विभाग ने इसको लेकर पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है।
इन जिलों में हो सकती है बारिश
मौसम विभाग की मानें तो चंबल संभाग के जिलों के साथ ग्वालियर, राजगढ़, आगर, नीमच और मंदसौर में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।
पिछले 24 घंटों का हाल
मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान मौसम शुष्क रहा। सबसे कम न्यूनतम तापमान मंडला में सात डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
फिलहाल हवाओं का रुख बदलने से दिन का तापमान बढ़ने लगा है। इससे धूप में भी तल्खी बढ़ गई है। न्यूनतम तापमान में भी अपेक्षाकृत गिरावट नहीं हो रही है, लेकिन मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अफगानिस्तान के पास शक्तिशाली पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। इस वजह से अरब सागर से लेकर राजस्थान तक एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बना हुआ है। लिहाजा मौसम का मिजाज बिगड़ने वाला है।
पहाड़ी क्षेत्रों में हो सकती है बर्फबारी
मैदानी इलाकों में सर्दी का कहर है तो पहाड़ों पर सफेद बर्फ की चादर बिछी हुई है। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सब तरफ बर्फ की चादर ढकी है। भारी बर्फबारी की वजह से जन जीवन प्रभावित है। हालांकि, पर्यटक इस बर्फबारी का जमकर मजा ले रहे हैं। अफगानिस्तान में बने सिस्टम के चार जनवरी तक उत्तर भारत में दाखिल होने की संभावना है, इससे उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में एक बार फिर बर्फबारी शुरू होने का अनुमान है। इस सिस्टम के आगे बढ़ने पर सात जनवरी के आसपास एक बार फिर ठंड का दौर लौटने की संभावना है।