माखनलाल विश्वविद्यालय घोटाला: पूर्व कुलपति कुठियाला समेत 20 प्रोफेसरों को राहत, ईओडब्ल्यू ने दी क्लीनचिट

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Updated Tue, 29 Dec 2020 02:20 PM IST
प्रोफेसर बृजकिशोर कुठियाला
– फोटो : फाइल फोटो
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ईओडब्ल्यू द्वारा इन लोगों पर दर्ज हुई एफआईआर की क्लोजर रिपोर्ट लगाई गई है। इसे कोर्ट के समक्ष पेश कर दिया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपियों के ऊपर लगाए गए आरोप दोष सिद्ध नहीं हो पाए हैं।
बता दें कि कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई थी। क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया कि इस मामले में जितने भी लोगों को आरोपी बनाया गया, उनमें से किसी पर भी आरोप सिद्ध नहीं हो पाया है। गौरतलब है कि इस मामले में एमसीयू के पूर्व कुलपति कुठियाला को कई बार ईओडब्ल्यू ने पूछताछ के लिए बुलाया था। उनसे कई घंटों तक पूछताछ भी की गई थी, लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई थी।
क्या थे प्रोफेसर कुठियाला पर आरोप
प्रोफेसर बीके कुठियाला को 19 जनवरी, 2010 को नियुक्त किया गया था। उन पर आरोप थे कि उन्होंने अपने आठ साल तीन महीने के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े लोगों को जमकर फायदा पहुंचाया। कुठियाला पर आरोप लगे कि उन्होंने लंदन की यात्रा का, साथ ही अपनी पत्नी की यात्रा का खर्च भी विश्वविद्यालय की जेब से चुकाया। बाद में इस राशि को एडजस्ट कर दिया गया। इसके अलावा उन्होंने विश्वविद्यालय के खर्च पर ऐसे ही 13 विदेश दौरे किए। वहीं, अपने दो ऑपरेशन के लिए भुगतान भी विश्वविद्यालय की जेब से प्राप्त किया। यहां तक की विश्विविद्यालय के पैसे से शराब की खरीददारी भी की गई।
20 आरोपियों में इन लोगों के नाम शामिल
इस मामले में बृजकिशोर कुठियाला के अलावा, डॉ अनुराग सीठा, डॉ पी शशिकला, डॉ पवित्र श्रीवास्तव, डॉ अविनाश वाजपेयी, डॉ अरूण कुमार भगत, प्रो संजय द्विवेदी, डॉ मोनिका वर्मा, डॉ कंचन भाटिया और डॉ मनोज कुमार पचारिया भी आरोपी थे। इसके अलावा डॉ आरती सारंग, डॉ रंजन सिंह, सुरेंद्र पाल, डॉ सौरभ मालवीय, सूर्य प्रकाश, प्रदीप कुमार डहेरिया, सतेंद्र कुमार डहेरिया, गजेंद्र सिंह अवश्या, डॉ कपिल राज चंदोरिया और रजनी नागपाल भी इस मामले में आरोपी थे।