न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Updated Sat, 02 Jan 2021 09:31 AM IST
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मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के एक गांव में बिजली वितरण कंपनी के कथित उत्पीड़न से परेशान होकर एक 35 वर्षीय किसान ने आत्महत्या कर ली। खुदकुशी करने से पहले किसान मुनेंद्र राजपूत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि उनके शरीर के हर एक हिस्से को बेचकर कंपनी का बकाया चुका दें।
किसान के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) के अधिकारियों ने महामारी के बीच 87,000 की बिजली के बकाया बिल को लेकर आटा चक्की और मोटरसाइकिल जब्त कर ली।
किसान ने नोट में लिखा, बड़े-बड़े राजनेता और व्यापारी घोटाले करते हैं, तब सरकारी कर्मचारी कोई कार्रवई नहीं करते हैं। अगर वो लोग बैंक से ऋण लेकर नहीं चुका पाते हैं, तो उनका ऋण माफ कर दिया जाता है। वहीं अगर कोई गरीब ऋण के तौर पर छोटी सी धनराशि लेता है, तो उससे कभी नहीं पूछा जाता कि वो ऋण चुका क्यों नहीं पा रहा है बल्कि उसे सार्वजनिक तौर पर अपमानित किया जाता है।
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के एक गांव में बिजली वितरण कंपनी के कथित उत्पीड़न से परेशान होकर एक 35 वर्षीय किसान ने आत्महत्या कर ली। खुदकुशी करने से पहले किसान मुनेंद्र राजपूत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि उनके शरीर के हर एक हिस्से को बेचकर कंपनी का बकाया चुका दें।
किसान के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) के अधिकारियों ने महामारी के बीच 87,000 की बिजली के बकाया बिल को लेकर आटा चक्की और मोटरसाइकिल जब्त कर ली।
किसान ने नोट में लिखा, बड़े-बड़े राजनेता और व्यापारी घोटाले करते हैं, तब सरकारी कर्मचारी कोई कार्रवई नहीं करते हैं। अगर वो लोग बैंक से ऋण लेकर नहीं चुका पाते हैं, तो उनका ऋण माफ कर दिया जाता है। वहीं अगर कोई गरीब ऋण के तौर पर छोटी सी धनराशि लेता है, तो उससे कभी नहीं पूछा जाता कि वो ऋण चुका क्यों नहीं पा रहा है बल्कि उसे सार्वजनिक तौर पर अपमानित किया जाता है।