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कड़ाके की ठंड और बारिश के बावजूद दिल्ली की सरहदों पर हजारों किसानों का आंदोलन जारी रहने को लेकर मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने सोमवार को कहा कि सोने का नाटक कर रहे व्यक्ति को कैसे जगाया जा सकता है। पटेल से पूछा गया था कि आखिर क्या वजह है कि कड़ाके की ठंड और बारिश के बावजूद दिल्ली की सरहदों पर हजारों किसान अपनी मांगों पर अडिग हैं और केंद्र सरकार के साथ उनकी कई दौर की बातचीत के बावजूद नए कृषि कानूनों को लेकर उनका विरोध प्रदर्शन जारी है।
राज्य के कृषि मंत्री ने इस सवाल पर संवाददाताओं से कहा, ‘वे (आंदोलनकारी) हमारी बात इसलिए नहीं मान रहे हैं क्योंकि हम सोए हुए व्यक्ति को तो जगा सकते हैं। लेकिन जो व्यक्ति सोने का नाटक करे, उसे कैसे जगा सकते हैं?’ वरिष्ठ भाजपा नेता ने दावा किया कि नये कृषि कानूनों पर देश के ज्यादातर किसान नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन कर रहे हैं। पटेल ने जोर देकर कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों को बिचौलियों के मकड़जाल से मुक्ति मिलेगी और फसलों के बेहतर मूल्य मिलने से उनकी आय बढ़ेगी।
उन्होंने देश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘किसानों को यह झूठ बोलकर गुमराह किया जा रहा है कि नए कृषि कानूनों के जरिए कृषि क्षेत्र को उद्योगपतियों के हवाले कर दिया गया है।’ कमल पटेल ने बताया कि प्रदेश में कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए 626 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि एफपीओ किसानों का एक ऐसा समूह होता है जो फसल उत्पादन के साथ-साथ कृषि से जुड़ी तमाम व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित करता है।
कड़ाके की ठंड और बारिश के बावजूद दिल्ली की सरहदों पर हजारों किसानों का आंदोलन जारी रहने को लेकर मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने सोमवार को कहा कि सोने का नाटक कर रहे व्यक्ति को कैसे जगाया जा सकता है। पटेल से पूछा गया था कि आखिर क्या वजह है कि कड़ाके की ठंड और बारिश के बावजूद दिल्ली की सरहदों पर हजारों किसान अपनी मांगों पर अडिग हैं और केंद्र सरकार के साथ उनकी कई दौर की बातचीत के बावजूद नए कृषि कानूनों को लेकर उनका विरोध प्रदर्शन जारी है।
राज्य के कृषि मंत्री ने इस सवाल पर संवाददाताओं से कहा, ‘वे (आंदोलनकारी) हमारी बात इसलिए नहीं मान रहे हैं क्योंकि हम सोए हुए व्यक्ति को तो जगा सकते हैं। लेकिन जो व्यक्ति सोने का नाटक करे, उसे कैसे जगा सकते हैं?’ वरिष्ठ भाजपा नेता ने दावा किया कि नये कृषि कानूनों पर देश के ज्यादातर किसान नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन कर रहे हैं। पटेल ने जोर देकर कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों को बिचौलियों के मकड़जाल से मुक्ति मिलेगी और फसलों के बेहतर मूल्य मिलने से उनकी आय बढ़ेगी।
उन्होंने देश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘किसानों को यह झूठ बोलकर गुमराह किया जा रहा है कि नए कृषि कानूनों के जरिए कृषि क्षेत्र को उद्योगपतियों के हवाले कर दिया गया है।’ कमल पटेल ने बताया कि प्रदेश में कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए 626 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि एफपीओ किसानों का एक ऐसा समूह होता है जो फसल उत्पादन के साथ-साथ कृषि से जुड़ी तमाम व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित करता है।