पीएम नरेंद्र मोदी ने मकर संक्रांति पर गुजराती में कविता लिख बयां की सूर्य की महिमा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
– फोटो : Twitter
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पीएम मोदी ने इसके बाद एक और ट्वीट किया, आज सुबह मैंने गुजराती में एक कविता साझा की थी। कुछ साथियों ने इसका हिंदी में अनुवाद कर मुझे भेजा है। उसे भी मैं साझा कर रहा हूं। मोदी ने कहा, हालांकि अभी दुनिया के लोग कोरोना की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन फिर भी नए साल को लेकर लोगों में उम्मीदें हैं।
आज सुबह मैंने गुजराती में एक कविता साझा की थी। कुछ साथियों ने इसका हिन्दी में अनुवाद कर मुझे भेजा है। उसे भी मैं आपके साथ साझा कर रहा हूं… pic.twitter.com/NYK1xjRgWQ
— Narendra Modi (@narendramodi) January 14, 2021
पीएम मोदी की गुजराती कविता का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है-
अंबर से अवसर
और
आंख में अंबर
सूरज का ताम समेटे…अंबर
चांदनी की शीतलता बिखेरे…अंबर
सम-विषम समाए…अंबर में
भेद-विभेद संग विवेक विशेष
जगमग तारे अंबर उपवन में
विराट की कोख में…अवसर की आस में
टिमटिमाते तारे तपते सूरज में
नीची उड़ान करे परेशान
ऊंची उड़ान साधे आसमान
हो कंकड़ या संकट
पत्थर हो या पतझड़
वसंत में…भी संत
विनाश में…है आस
समनों का अंबर
अंबर सी आस
गगन…विशाल
जगे विराट की आस
मार्ग…तप का
मर्म…आशा का
अविरत…अविराम
कल्याण यात्री…सूर्य
आज
तपते सूरज को, तर्पण का पल
शत शत नमन…शत शत नमन
सूरज देव को अनेक नमन।
– नरेंद मोदी