बिहार: चुनाव जीतने के बाद भी चैन से नहीं रह पाएंगे ये 27 विधायक, जानिए इसकी वजह

पार्टियों के चुनाव चिह्न (फाइल फोटो)
– फोटो : Social Media
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आयोग के फैसले पर खड़े किए सवाल
मामला दर्ज करवाने वालों में सबसे ज्यादा आठ राजद और छह कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। पांच निर्दलीयों ने भी जीते हुए उम्मीदवारों की विजय पर आपत्ति जताई है। सत्ता के पांच प्रत्याशियों ने चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। इसमें तीन जदयू और दो भाजपा के उम्मीदवार हैं। इसके अलावा माकपा और बसपा के भी एक-एक प्रत्याशी शामिल हैं। दो ने चुनाव आयोग को पार्टी बनाया है।
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निशाने पर हैं इन दलों के प्रत्याशी
जिन विधायकों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं उनमें सबसे ज्यादा नौ जदयू के जबकि छह भाजपा के हैं। राजद के सात विधायक हैं जिनकी जीत पर हारे हुए उम्मीदवारों ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस, माले, हम और लोजपा के एक-एक विधायक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ है। वहीं भाजपा के विधान पार्षद नवल किशोर यादव की जीत को निर्दलीय प्रत्याशी अवधेश कुमार सिन्हा ने चुनौती दी है।
पक्ष-विपक्ष दोनों तरफ से हुआ मुकदमा
उच्च न्यायालय के वकील शशिभूषण मंगलम ने कहा कि नियम के अनुसार नतीजे आने के 45 दिनों के अंदर कोई भी उम्मीदवार परिणाम को चुनौती दे सकता है। हारे हुए 29 उम्मीदवारों ने मतगणना में गड़बड़ी एवं अन्य आरोपों में 27 विधायकों के खिलाफ 24 दिसंबर तक अलग-अलग तारीखों में मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के भी उम्मीदवार शामिल हैं।